Kabra per mitti dalte samay kya padhte hain||in Hindi
हेलो दोस्तों अस्सलाम वालेकुम दोस्तों आज फिर हम एक इस्लामिक जानकारी के साथ हाजिर हैं पोस्ट को पूरा पड़े और कब्र पर मिट्टी डालने की दुआ क्या है जानै
दोस्तों जब कोई भी शख्स खत्म हो जाता है और उसके बाद उसको कफन पहन कर हिफाजत के साथ कब्रिस्तान ले जाया जाता है फिर उसको दफनाया जाता है दफनाते समय मिट्टी डालते हैं तो कुछ लोगों को दुआ नहीं पता है आज हम उसके बारे में ही बात करेंगे और क्या दुआ पढ़ते हैं उसके बारे में ही बताएंगे तो आपको कुछ नहीं करना है पोस्ट को पूरा ही पढ़ना है जब भी आप समझ पाएंगे हमारे यह इस्लामी जानकारी
Kabristan mein Jaane Ki Dua
दोस्तों जब कोई खत्म हो जाता है तो जगह-जगह से बहुत ही लोग आते हैं यार दोस्त और रिश्तेदार भी आते हैं नमाजे है जनाजा में शिरकत फरमाते हैं और जनाजा की नमाज को पढ़ते हैं और उसे शख्स के लिए दुआ करते हैं इसलिए कि अगर वह व्यक्ति मतलब जो अल्लाह का बंदा है वह गुनहगार तो नहीं है इसीलिए उसके हक में जितने भी लोग जमा होते हैं उसके लिए दुआ करते हैं इससे दुआ करने वाले को भी शबाब मिलता है और जो खत्म हो जाता है उसके गुनाहों को माफ कर दिया जाता है
जब दोस्तों जनाजा दफन करने की बारी आती है तो हम पहले हाथ मिट्टी डालने की सूरत मतलब दुआ याद करते हैं हमारे दुआ याद नहीं होती है तो कुछ लोग ऐसे ही मिट्टी डालकर है जाते हैं तो आपको आज हम इसके बारे में ही बताएंगे और दुआ किस तरीके से पढ़ी जाती है आज हम समझने वाले हैं तो दोस्तों दुआ का तर्जुमा कुछ ऐसेहै
मिन्हा खलकना कुम {-इसी मिट्टी से हमने तुमको बनाया}
व फिहा नुईदुकुम {-और इसी मिट्टी मे तुमको मिलाएगे}
व मिन्हा नुखरिजुकुम तारतन ऊखरा {- और आखिरत मे इसी मिट्टी से तुमको उठांएगे}
Kabar per Mitti dalne Ki Dua
दोस्तों जब आप मिट्टी डालें तो यही दुआ आपके पढ़नी है इसका तर्जुमा भी मैंने आपको समझा दिया है और इसके साथ दुआ भी आपको समझा दी है
फिर किसी न्यू आर्टिकल और न्यू इस्लामिक जानकारी के साथ में मिलने वाले हैं लिखने और टाइपिंग में कुछ भी गलती हो गई है और बताने में कोई भी गलती हो गई है तो उसे माफ करना हम फिर किसी न्यू इस्लामिक जानकारी के साथ मिलने वाले हैं जजाक अल्लाह अल्लाह हाफिज अस्सलाम वालेकुम