Janaza ki namaj ki niyat जनाजे की नमाज की नियत कैसे पढ़े

 
Janaza ki namaj ki niyat जनाजे की नमाज की नियत कैसे पढ़े


हेलो दोस्तों अस्सलाम वालेकुम लिए आज हम जानेंगे जनाजे की नमाज की नियत किस तरह पढ़ी जाती है क्योंकि कुछ लोगों को जनाजे की नमाज की नियत याद नहीं है तो आज हम आपको बताने वाले हैं 




दोस्तों क्या होता है कि हम किसी भी मैयत में जाते हैं तो हमें अलग खड़ा होना पड़ता है क्योंकि हम जनाजे की नमाज में शरीफ नहीं होते हैं कुछ लोग तो याद होने के बाद भी नहीं होते और कुछ लोग नमाज की नियत याद नहीं होती है तो नहीं होते हैं तो आज हम आपको पूरी जानकारी देने वाले हैं जनाजे की नमाज की नियत 


Janaza ki namaz ki niyat


दोस्तों जनाजे की नमाज जब आप पड़े तो आपको नीयत पढ़नी हैनियत करता हूँ मैं नमाजे जनाजा की चार तक्बीरों के साथ, वास्ते अल्लाह तआला के, दुआ वास्ते मय्यत के, पीछे पेश इमाम के मुंह मेरा क़ाबा शरीफ की तरफ। 5. इमाम भी नियत करके अल्लाहु अकबर (पहली तकबीर) कहते हुए हाथों को कानों तक ले जाकर वापस नाभि के ऊपर हाथ बांध लेंगे। आप भी इमाम के साथ ऐसा हीकरे।


दोस्तों मैं आपको नियत की जानकारी तो दे दी मगर इससे पहले एक बात ध्यान से सुना अगर आप जनाजे में या किसी की भी मैयत में जाते हैं तो आपको जल्दी नहीं करनी है अगर ऐसी जगह भी जल्दी करोगे तो आपकी भी बड़ी जल्दी ही आने वाली है क्योंकि सबको जाना है एक बार 


और दोस्तों यह घर ऐसा है जो हर किसी को नसीब नहीं होता और आप अपनी आखिरत की पूरी तैयारी करके जब जाएं अपनी आखिरत की तैयारी अगर आप अच्छे से करेंगे तो इसमें आपकी ही अच्छा ही है और आपके गुनाहों को भी माफ कर दिया जाएगा 


Namaz nahi jana ja ke sapne


तो दोस्तों किसी की मैयत या किसी के भी जनाजे में जाए तो जल्दी बिल्कुल ना करें सुकून और और प्यार के साथ जैन जैन मोहब्बत के साथ दफन करके और मिट्टी देकर और उसके हक में दुआ करके ही आए इससे आपको भी शबाब मिलेगा और करने वाले को भी सवाब मिलेगा 



दोस्तों यह आर्टिकल आपको कैसा लगा अगर अच्छा लगा है तो लाइक और शेयर करना बिल्कुल भी ना भूले लिखने और टाइपिंग में और कुछ बताने में गलती हो गई है तो उसे माफ करना हम फिर किसी न्यू आर्टिकल और नई जानकारी के साथ में मिलने वाले हैं जब तक के लिए खुदा हाफिज जाजाकल्ला



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