Zohar ki namaz ki niyat||namaz padhne ka Sahi tarika||jumme ki namaz ki niyat

Zohar ki namaz ki niyat||namaz padhne ka Sahi tarika||jumme ki namaz ki niyat


हेलो दोस्तों अस्सलाम वालेकुम दोस्तों आज हम जानेंगे कुछ नमाज के बारे में नमाज की नियत किस तरीके से की जाती है और नमाज में कितनी रकात नमाजे पढ़ना होती हैं और नमाज़ हमारी किस तरीके से कबूल होती है यह सब हम आपको बताने वाले हैं हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें शुरू करते हैं




दोस्तों अगर आपके दिल में अकीदा है और आपको नमाज पढ़ना है और अगर आपके नित याद नहीं है तो आप नमाज पढ़ सकते हैं आपके दिल में अकीदा होना चाहिए कि हमें नमाज पढ़ना है और अपने रब को मानना है


जरूरी ही नहीं के आपकी नीयत याद है तो जब भी आप नमाज पढ़ सकते हैं अगर आपकी याद नहीं है तो मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि आप याद भी करें और ना भी है तो नमाज पढ़े और अपने रब को मनाई

नमाज पढ़ने के तरीके समझे

जोहर की नमाज में 12 रकात नमाज होती है जैसे की चार सुन्नत चार फर्ज और दो सुन्नत दो निफिल दोस्तों आपको पहले चार रकात नमाज सुन्नत पढ़ना है उसके बाद चार रकात नमाज फर्ज पढ़ना है उसके बाद दो रकात सुन्नत पढ़ना है उसके बाद दो रकात निफिल पढ़ना है आपकी जौहर की नमाज पूरी हो जाएगी और शिद्दत से दुआ करना है और अपने रब से अपनी गुनाहों को माफ करना है दोस्तों नियत कुछ इसतरीके से पढ़ी जाएगी नित कि मैंने चार रकात नमाज सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह ताला के मुंहमेरा कहब शरीफ के तरफ वक्त जोहर का अल्लाह हू अकबर




गुना माफ करने के बाद आपको इस तरीके से दुआ मांगना है ताकि हमारा रब हमारा खुद हमसे राजी हो जाए और हमारे गुनाहों को माफ कर दे ताकि हम आगे को गुना ना कर पाए और अपने रब की यादों में ही जिंदगी गुजारे अपने रब को मनाने के लिए हमें पांचो टाइम की नमाजे पढ़ना है तभी हमारा रब हमसे खुश होगा और हमारी सारी मुसीबत और परेशानियां दूर हो जाएगी


Namaj padhne ka Sahi tarika


इसी तरह से आपको जौहर और जुम्मा की नमाज भी इसी तरीके से ही पढ़ना है पर आपको पहले दो रकात फर्ज पढ़ना है जो हम इमाम के पीछे पड़ते हैं बस उसके बाद हमें वैसे ही नमाज पढ़ना है जैसे हम जौहर की पढ़ते हैं इमाम के पीछे नमाज़ पढ़े तो उसे अकीदीन से पड़े कि हम जिस इमाम के पीछे नमाज पढ़ रहे हैं हमने उसे कभी बुरा तो नहीं कहा है अगर आपने


उसे इमाम को बुरा या फिर गलत निगाह से देखा है तो आपकी नमाज़ कबूल नहीं होगी उसे इमाम के पीछे क्योंकि जिस भी इमाम के पीछे आप नमाज पढ़ रहे हैं उसके बारे में कभी भी गलत ना बोले और गलत ना कहें


Namaj kis tarike se padhi jaati hai


बस मैं आपको यही समझ रहा था अगर यह जानकारी और यह बातें हमारी पसंद आई है तो हमारे इस आर्टिकल को शेयर करना अपने यार दोस्त रिश्तेदारों में और लाइक करना ना भूलना अगर लिखने और टाइपिंग में कोई भी गलती हो गई हो तो उसे माफ करना फिर किसी अच्छे इस्लामी आर्टिकल के साथ में मिलने वाले हैं जजाकल्लाह अल्लाह अल्लाह हाफिज अस्सलाम वालेकुम



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