Asar ki namaz ki niyat||namaz padhne ka Sahi tarika
हेलो दोस्तों अस्सलाम वालेकुम दोस्तों लिए आज हम नमाज के बारे में जानेंगे नमाज की नियत के बारे में भी समझेंगे नमाज किस तरीके से पढ़ाई जाती है और किस तरीके से पढ़ी जाती है आज हम सब जानने वाले हैं तो लिए शुरू करते हैं नमाज के कुछ तरीके
दोस्तों नमाज पढ़ने से पहले आपका पाक होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है जब आप नहाए तो गुसल जरूर करें क्योंकि अगर आप पार्क हैं तभी आपकी नमाज़ कबूल होगी अगर आप पार्क नहीं है तो आपका नमाज पढ़ने का कोई भी फायदा नहीं है
दोस्तों जब आप नमाज पढ़ते हैं तो पहले बजु करते हैं और जब आप नमाज पढ़ने का अकीदा करते हैं तो आपको पाक रहना बहुत ही ज्यादा जरूरी है तब आप गुसल करते हैं जब तक आप गुसल नहीं करेंगे जब तक आप पार्क नहीं हो सकते चाहे कितना भी नहा ले
Namaj padhne ka Sahi tarika
तो दोस्तों पहले आपको नहाते समय गुसल को याद रखना है और गुसल करना है तभी आपको नहाना है गुसल किस तरीके से किया जाएगा वह भी आपको समझा देते हैं पहले आपको नीचे का हिस्सा पूरा साफ तरीके से धो लेना है उसके बाद आपको तीन मर्तबा हाथ धोने हैं और तीन मर्तबा कुली करनी है अच्छे से उसके बाद आपको तीन मर्तबा नाक में पानी डालना है और तीन बार नाक में उंगली से सफा करना है आपका गुसल अभी रह गया है उसके बाद आपको सर पर पानी डालना है और अच्छे से कोई भी जगह सुखी ना रह जाए पूरी तरह से भीग जाए बाल की जड़ तक जब तक बाल की जड़ तक पानी की बूंद नहीं जाएगी आप पार्क नहीं हो सकते अच्छे से पानी डालें और नहाए आपका गुसल हो जाएगा फिर आप नमाज के लिए तैयार हैं उसके बाद आपको बजु करना है और बजु करने के बाद आपको नमाज के लिए तैयार हो जाना है
आईए जानते हैं असर की नमाज में कितनी रकात नमाज होती है दोस्तों असर की नमाज में कुल आठ रकात नमाज होती है वह होती है चार सुन्नत और चार फर्ज पहले आपको चार सुन्नतों की नियत करनी है उसके बाद चार फौजियों की नियत करनी है आपकी नमाज़ कबूल हो जाएगी और नमाज पढ़ कर इस तरीके से दुआ करनी है कि आपका खुद आपसे राजी हो जाए और आपके गुनाहों को माफ कर दे अल्लाह से दुआ करना है कि ए मेरे खुदा मेरी कोई भी गलती हो गई है अनजाने और भूल में तो उसको माफ कर देना और हमें सच्चा नमाजी और ईमानदार इंसान बनाना
तभी आपकी नमाज को कबूल किया जा सकता है खुद आपसे राजी है तो सब कुछ ठीक है अगर खुद आपसे राजी नहीं है तो कुछ भी ठीक नहीं है
आपको एक भी टाइम की नमाज नहीं छोड़नी है पुरे पांच वक्त की नमाज पढ़नी हैअगर आप पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं तो आपका खुद आपसे राजी हो जाएगा और आपके गुनाहों को माफ कर देगा क्या पता आपने या हमने या किसी ने भी कैसे गुना किए हैं कौन से गुना किए हैं तो गुनाहों से तौबा कर लें और सच्चे पक्के नमाजी बन जाए और अपने खुद से माफी मांग ले
और दोस्तों दुआ करते समय अपने नबी अपने अली शेरे खुदा और नबियों का नाम लेना है और उन्हीं के वसीले से दुआ को कबूल करना है क्योंकि हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का बहुत ही बड़ा रुतबा हमारे अल्लाह के निक बंदे और अल्लाह के महबूब हैं तो दोस्तों यह बात ध्यान में रखनी है हमारे नबी के वसीले से ही हमें माफ किया जा सकता है और गुनाहों से तौबा कर लें और बिल्कुल भी गुनाह ना करें
जब आप मस्जिद से निकले तो सीधा कम अंदर होना चाहिए और बाय कम बाहर होना चाहिए उसके बाद आपको सीधे कब्रिस्तानों के तरफ को चले जाना है और वहां जाकर अपनी बुजुर्गों के लिए दुआ करनी है अपनी बुजुर्गों के लिए दुआ जब करोगे तो अल्लाह आपको और गुनाहों से दूर करेगा क्या पता हमारे बुजुर्ग हमारे गुनाहों को अल्लाह से माफ करवा ले
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की इस्लामी जानकारी अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो लाइक शेयर करना ना भूले और अपनी यार दोस्तों में भी जरूर शेयर करें लिखने में और टाइपिंग में कोई भी गलती हो गई है या फिर भूल से बताने में कुछ गलत कह दिया हो तो उसे माफ कर देना हम फिर किसी न्यू आर्टिकल के और नई जानकारी और न्यू इस्लामिक सवाल के लिए जल्दी ही वापसी लौटेंगे जब तक के लिए जाजाकल्ला अल्लाह हाफिज अस्सलाम वालेकुम
Fajar ki namaj ki niyat 1