दिल्ली में हुमायूं का मकबरा किसने बनवाया था और कितने सालों में बना है
हेलो दोस्तों अस्सलाम वालेकुम आइए जानते हैं हुमायूं के मकबरे के बारे में जो दिल्ली निजामुद्दीन के पास में देखा जाता है जो दिल्ली के अंदर यह ताजमहल निर्माण किया गया था और आज भी यहां पर दूर-दूर से लोग बाग देखने के लिए आते हैं हम जानेंगे इस आर्टिकल के माध्यम से हुमायूं के मकबरे के बारे में जो दिल्ली के अंदर मौजूद है जैसे कि आगरा का ताजमहल वैसे ही हुमायूं का मकबरा मुगलों की संसद द्वारा बनाया गया यह हुमायूं का मकबरा हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे अगर आपको पूरी जानकारी हासिल करनी है तो पोस्ट को पूरा पढ़ना पड़ेगा आप जैसे ही पोस्ट को पूरा पढ़ लेंगे तभी आपको पूरी जानकारी हासिल हो जाएगी आइए जानते हैं हुमायूं के मकबरे के बारे में
हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात् पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और नसीरुद्दीन !१२६८-१२८७! के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी। यहाँ मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है और इसमें हुमायूँ की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की भी कब्रें हैं। यह समूह विश्व धरोहर घोषित है[1], एवं भारत में मुगल वास्तुकला का प्रथम उदाहरण है। इस मक़बरे में वही चारबाग शैली है, जिसने भविष्य में ताजमहल को जन्म दिया। यह मकबरा हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो बेगम के आदेशानुसार १५६२ में बना था। इस भवन के वास्तुकार सैयद मुबारक इब्न मिराक घियाथुद्दीन एवं उसके पिता मिराक घुइयाथुद्दीन थे जिन्हें अफगानिस्तान के हेरात शहर से विशेष रूप से बुलवाया गया था। मुख्य इमारत लगभग आठ वर्षों में बनकर तैयार हुई और भारतीय उपमहाद्वीप में चारबाग शैली का प्रथम उदाहरण बनी। यहां सर्वप्रथम लाल बलुआ पत्थर का इतने बड़े स्तर पर प्रयोग हुआ था।/2//3//4/ १९९३ में इस इमारत समूह को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया_
हुमायूं का मकबरा दिल्ली
इस परिसर में मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है। हुमायूँ की कब्र के अलावा उसकी बेगम हमीदा बानो तथा बाद के सम्राट शाहजहां के ज्येष्ठ पुत्र दारा शिकोह और कई उत्तराधिकारी मुगल सम्राट जहांदर शाह, फर्रुख्शियार, रफी उल-दर्जत, रफी उद-दौलत एवं आलमगीर द्वितीय आदि की कब्रें स्थित हैं।[5][6] इस इमारत में मुगल स्थापत्य में एक बड़ा बदलाव दिखा, जिसका प्रमुख अंग चारबाग शैली के उद्यान थे। ऐसे उद्यान भारत में इससे पूर्व कभी नहीं दिखे थे और इसके बाद अनेक इमारतों का अभिन्न अंग बनते गये। ये मकबरा मुगलों द्वारा इससे पूर्व निर्मित हुमायुं के पिता बाबर के काबुल स्थित मकबरे बाग ए बाबर से एकदम भिन्न था। बाबर के साथ ही सम्राटों को बाग में बने मकबरों में दफ़्न करने की परंपरा आरंभ हुई थी।/7//8/ अपने पूर्वज तैमूर लंग के समरकंद (उज़्बेकिस्तान) में बने मकबरे पर आधारित ये इमारत भारत में आगे आने वाली मुगल स्थापत्य के मकबरों की प्रेरणा बना। ये स्थापत्य अपने चरम पर ताजमहल के साथ पहुंचा।/9//10//11/
तो दोस्तों हुमायूं के मकबरे की जानकारी आपको कैसी लगी यह वही हुमायूं का मकबरा है जो मुगलों द्वारा बनाया गया है अगर यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो लाइक शेयर करना ना भूलना और अपने यार दोस्तों में शेयर करना भी ना भूलना लिखने और टाइपिंग में कोई भी गलती हो गई हो तो उसे माफ करना हम फिर मिलेंगे किसी न्यू आर्टिकल के साथ और न्यू जानकारी के साथ में जब तक के लिए अल्लाह हाफिज
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मुगल इतिहास