दिल्ली के लाल किले का निर्माण किसने किया था Lal kila kisne banvaya tha
दिल्ली का लाल किला किसने बनवाया था? क्या ऐसा सवाल आपके भी मन में है तो चलिए आज इस सवाल का जवाब हम आपको बताते है। देश की आन बान शान तथा देश में आजादी के प्रतीक के रूप में स्थित दिल्ली का लाल किला विश्व की ऐतिहासिक इमारतों की लिस्ट में से एक है।
मुगल सम्राट लाल किले का निर्माण
अपनी सुंदरता भव्यता तथा आकर्षक वास्तुकला के कारण यह भारत के साथ ही साथ दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक बहुत ही पसंदीदा पर्यटन स्थल है। 1648 में बने इस भव्य किले के अंदर लगभग 200 सालों तक मुगल शासकों ने राज किया था।
बलुआ पत्थर से निर्मित भारत के राष्ट्रीय गौरव के रूप में प्रसिद्ध लाल किले का इतिहास तथा इससे जुड़े सभी रोचक तत्व बहुत ही दिलचस्प हैं। तो अगर आप भी किसी जगह घूमने का विचार बना रहे हैं , तो लाल किला उनमें से एक हो सकता है।
पांचवें मुगल शासक शाहजहां ने सन 1638 ईसवी में अपनी राजधानी को आगरा से बदलकर दिल्ली करते वक्त एक किले का निर्माण प्रारंभ किया। जिसे लाल किले का नाम दिया गया। मुगल वास्तुकला से निर्मित इस भव्य ऐतिहासिक इमारत का निर्माण मुगल शासन काल में प्रसिद्ध वास्तुकार तथा मूल्यवान इमारतों के निर्माण में योगदान रखने वाले उस्ताद अहमद तथा हमीद लाहौरी द्वारा किया गया था।
मुगल वास्तुकला से निर्मित इस भव्य ऐतिहासिक इमारत का निर्माण यमुना नदी के तट पर किया गया था। मुगल शासक शाहजहां द्वारा बनवाए गए, इस किले के निर्माण में लगभग 10 वर्षों से ज्यादा के समय लगा था।
अपनी सुंदरता और आकर्षण की वजह से सात अजूबों में शुमार ताजमहल की ही तरह लाल किले का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्व है। मुगल शासन काल में अपनी रचनात्मकता और खूबसूरती के रूप में मिसाल के रूप में स्थित इस किले को शाहजहां अपने सभी बनाए गए किलो में से बेहद सुंदर एवं आकर्षक बनाना चाहते थे।
आगरा महल एंड दिल्ली लाल किला मुगल इतिहास
शाहजहां द्वारा इस किले में बेहद ही खास कमरों जैसे कि छाबड़ी बाजार, दीवानेखास, नौबत खाना, खास महल, रंग महल तथा मुमताज महल का निर्माण करवाया गया था। इसके बाद शाहजहां के पुत्र औरंगजेब ने इस किले में मोती- मस्जिद का निर्माण करवाया था।
17वीं शताब्दी में लगभग 30 सालों तक जहदंर शाह ने कब्जा कर इस किले पर अपना शासन किया। इसके पश्चात सिक्खों ने भी इस ऐतिहासिक किले पर शासन किया। अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर लाल किले पर शासन करने वाले अंतिम शासक थे।
इसके बाद 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने विद्रोह कर इस ऐतिहासिक किले पर अपना कब्जा कर लिया। आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा इस ऐतिहासिक धरोहर पर भारत के आजादी को दर्शाते हुए तिरंगे को फहराया गया था।
साम्राज्य मुगल बादशाह
आज इस ऐतिहासिक धरोहर का इस्तेमाल भारत के विभिन्न सैनिक कार्यालयों के रूप में किया जाता है, इसी के साथ भारत में लाल किला सर्वाधिक प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। जहां पर हर साल लाखों लोग इसकी आकषर्कता और सुंदरता को देखने आते हैं। इस तरह लाल किला भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी शानदार बनावट और ऐतिहासिक महत्व के रूप में जाना जाता है।
- क्या आप जानते हैं 13 मई 1638 मोहर्रम के दिन अपनी राजधानी आगरा से बदलकर दिल्ली करने के दौरान, शाहजहां ने एक किले का निर्माण का फैसला लिया। जिससे लाल किले के नाम से जाना जाता है, यह किला आगरा किला से भी बड़ा हैं।
- लाल किले का निर्माण उस समय के प्रसिद्ध वास्तुकार तथा मूल्यवान इमारतों के निर्माण में योगदान रखने वाले उस्ताद अहमद तथा हामिद लौहारी द्वारा यमुना नदी के तट के किनारे ढाई सौ एकड़ क्षेत्र में किया गया था। लाल किले के मुख्य द्वार पर 12 हाथियों की मूर्ति बनी हुई, तथा सूअर मुख वाले 4 नल अभी इसके किले में लगे हुए हैं।
- लाल किले के भीतर सबसे खास एवं सुंदर महिलाओं में से एक रंग महल का निर्माण राजा ने अपनी रानियों तथा प्रेमिकाओं के साथ खाना खाते वक्त समय बिताने के लिए किया था। यह रंग महल अपनी आकर्षक एवं मनमोहक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, इस प्रकार रंग महल, लाल किले के सबसे उल्लेखनीय महलों में से एक है।
- जिस समय में लाल किले का निर्माण किया गया था। लाल किला उस समय के सबसे महंगे किलो में से प्रथम स्थान आता है। इस किले को बनाने में उस समय लगभग एक करोड़ रुपये तक का खर्च हुआ था।
- क्या आप जानते हैं लाल किले के भीतर बहुत ही खास एवं आकर्षक इमारतें जैसे कि छाबड़ी बाजार, दीवानेखास, नौबत खाना, खास महल, मोती मस्जिद, रंग महल तथा मुमताज महल का निर्माण किया गया था।
- क्या आप जानते हैं लाल किले का प्राचीन नाम किला- ए – मुबारक था।
- क्या आप जानते हैं लाल किला में दो प्रवेश द्वार है इस किले को बनाने में लगभग 10 वर्षों का समय लगा था।
- बेहद मूल्यवान और बेशकीमती पत्थरों में से एक कोहिनूर हीरा, दीवान-ए-खास में स्थित शाहजहां के शाही सिंहासन के हिस्सों में से एक था।
- 1648 में निर्माण के फलस्वरुप लाल किले
- के उद्घाटन के लिए इसके कमरों की सजावट बेहद ही बेशकीमती परदो जैसे मखमल तथा रेशम से कि गई थी।
- लाल बलुआ पत्थर से बने होने के कारण इस किले को लाल किला का नाम दिया गया था।
- क्या आप जानते हैं वास्तव में पहले लाल किले का रंग सफेद था। क्योंकि इसे सफेद चूना पत्थर द्वारा बनाया गया था। बाद में समय के साथ इसका रंग डल होता गया। जिसके बाद अंग्रेजों ने इसे लाल रंग से रंगा दिया।
- क्या आप जानते हैं 15 अगस्त, 1947 में पंडित जवाहरलाल नेहरू लाल किले से देश को संबोधित करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे।
- साल 2007 में यूनेस्को द्वारा लाल किला को विश्व विरासत धरोहर घोषित किया गया था।
- क्या आप जानते हैं भरतपुर के महाराज जवाहर सिंह एकमात्र ऐसे हिंदू राजा थे। जिन्होंने मुगलों से लाल किले को जीता था।
- बहादुर शाह जफर लाल किले पर राज करने वाले अंतिम मुगल सम्राट थे। इसके बाद 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों ने उनका खिताब छीनकर लाल किला पर कब्जा कर लिया था।मुगल सम्राट शाहजहां ने लाल किले को अपनी राजधानी शाहजहांनाबाद के महल के रूप में बनवाया था. लाल किला अपनी विशाल दीवारों के लिए प्रसिद्ध है. किले का निर्माण 1638 से 1648 के बीच दस सालाें में पूरा किया गया.