Isha ki namaj padhne ka Sahi Tarika kya hai in Hindi mein in Hindi mein

Isha ki namaj padhne ka Sahi Tarika kya hai in Hindi mein

हेलो दोस्तों अस्सलाम वालेकुम मेरे प्यारे भाइयों और बहनों हम जानेंगे ईशा की नमाज का सही तरीका क्या है मतलब ईशा की नमाज पढ़ने का सही तरीका क्या है आप अगर नमाज पढ़ने का तरीका जानना चाहते हैं तो पोस्ट पढ़ना पड़ेगी पूरी जैसे ही आप मोहतरम हजरात पोस्ट पूरी पढ़ लेते हैं नमाज के सारे तरीके आपको समझ आ जाएंगे तो आइए जानते हैं ईशा की नमाज का सही तरीका क्या है


और आज हम आपकी खिदमत में ईशा की नमाज़ पढ़ने का सही तरीका हिंदी भाषा में लेकर हाज़िर हुए हैं। आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे की ईशा की नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है ?, ईशा की नमाज़ का वक़्त कब ख़तम होता है ? और जानेंगे ईशा की नमाज़ पढ़ने के फायदों के बारे में. तो आइये बिना वक़्त की बर्बादी करे देखते हैं की Isha ki Namaz ka tarika in Hindi में

जैसा की हम सब जानते हैं की इस दुनिया के हर मुस्लमान पर नमाज़ फ़र्ज़ है, नमाज़ सबसे अच्छा जरिया है अल्लाह से दुआ क़ुबूल करने का, उनसे अपने गुनाहों की माफ़ी मांगने का या उनको राज़ी करने का । हम पर दिन भर की 5 वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ है जो हैं – 1. (Fajar) फज़र, 2. (Johar) जोहर, 3. (Asar) असर, 4. (Maghrib) मगरिब और 5. (Isha) ईशा_

ईशा की नमाज़ इन पाँचों नमाज़ों में सबसे लम्बी नमाज़ होती है क्योंकि इसमें कुल 17 रकअतें होती हैं 4 रकअत सुन्नत, 4 रकअत नमाज़ फ़र्ज़, 2 रकअत सुन्नत, 2 रकअत नफिल, 3 रकअत वित्र, और 2 रकअत नफिल

नमाज़सुन्नतफ़र्ज़सुन्नतनफिलवित्रनफिलकुल रकआतें
रकआतें44223217
दोस्तों पिछले पोस्ट में हमने आपको फजर की नमाज़ का तरीका बताया था लगभग हर नमाज़ का तरीका एक जैसे ही होता है पर थोड़े से बदलाव होते हैं चलिए अब जानते हैं ईशा की नमाज़ का तरीका बहुत ही आसान भाषा में, मेरी आप सभी लोगों से गुज़ारिश है की आप सब कोशिश करें की अपनी नमाज़ें मस्जिद में जमात के साथ ही, इमाम साहब के पीछे अदा करें लेकिन अगर किसी आप वाक़ई में ऐसा नहीं कर पाते हैं तो, अकेले में नमाज़ पढ़ सकते हैं। जो इंसान जामआत के साथ नमाज़ अदा करता है अल्लाह उसे 27 गुना ज्यादा शबाब देता है_


  1. सही तरीके से वज़ू करें: न सिर्फ ईशा बल्कि हर नमाज़ को पढ़ने से पहले वज़ू किया जाता है।
  2. आपका, आपके कपड़ों का, जिस जगह नमाज़ पढ़ने वाले है उस जगह का पाक साफ़ होना बेहद ज़रूरी है.
  3. अब हम खड़े हो जायेंगे और हम चार रकअत सुन्नत पढ़ेंगे और इरादा/नियत करें, नियत दिल के पक्के इरादे का नाम है (नियत करता हूँ या नियत करती हूँ चार रकआत सुन्नत वक़्त ईशा वास्ते अल्लाह ताअला के रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर कहते हुए नियत बाँध लें )
  4. अब आपको पूरी सना पढ़नी है फिर अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पढ़ी जाती है उसके बाद बिस्मिल्लाह पढ़ कर कोई भी एक सूरह पढ़ लिजिए जो भी आपको याद हो.
  5. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकुह में जाए और सुबहाना रब्बियल अज़ीम तीन मर्तबा कहें, फिर समीअल्लाहु लिमन हमीदा या रब्बना लकद हम्द कह कर रुकुह से खड़े हो जाएं.
  6. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज़दे में जाएँ और सजदे में (सुबहान रब्बियल आला) तीन मर्तबा पढ़ें, अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे से उठे और फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे सजदे में जाए और इस बार भी (सुबहान रब्बियल आला) तीन बार पढ़ें. ये हो गयी एक रकआत मुकम्मल.
  7. अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी रकआत के लिए खड़े हो जाएँ और इस बार सना नहीं पढ़ी जाएगी सूरह फातिहा एक मर्तबा पढ़ें उसके बाद कोई भी एक सूरह पढ़ें फिर पहली रकआत की तरह ही रुकुह में जाए और दोनों सजदे मुकम्मल करें और तशहहुद में बैठ जाए.
  8. तशहहुद में आपको एक मर्तबा अतयियात पढ़नी है इसके एक बार दूरद इ इब्राहिम भी पढ़नी है फिर दुआ ए मासुरा आपको पढ़ लेनी है अब सलाम फेर ले और अपनी दो रकआत मुकम्मल कर लें.
  9. अब तीसरी रकआत के लिए खड़े हो जाए और इसी तरह तीसरी और चौथी रकअत ए सुन्नत मुकम्मल कर लें।
  1. अब 4 रकआत फ़र्ज़ के लिए खड़े हो जाएँ और नियत करें (नियत की मैंने चार रकआत नमाज़ इशा की फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताअला के, पीछे इमाम के रुख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाह अकबर).
  2. नियत बाँध लेने के बाद आपने सना पढ़नी है और खामोश हो जाना है अब इमाम साहब सूरह फातिहा की तिलावत करेंगे , फिर सूरत की तिलावत करेंगे हमे खामोशी से सुनना है
  3. फिर रुकुह में जायेंगे हम भी साथ-साथ वैसा ही करते जायेंगे और पहली रकआत मुकम्मल कर लेंगे।
  4. उसके बाद इमाम साहब दूसरी रकआत के लिए खड़े होंगे हमे भी ऐसा करते जाना है और सिर्फ उनको सुनना है और फिर रुकुह और सजदे के बाद तशहहुद में बैठना है और (यह हमारी नमाज़ के पहला तशहहुद है) इसमें हमे केवल अत्तहिय्यात अब दरूद इब्राहिम और दुआ ए मासुरा आपने नहीं पढ़नी है।
  5. तीसरी रकआत के लिए खड़े हो जाईये और इमाम साहब तिलावत कर रहे हैं लेकिन धीमी आवाज़ में हमे चुप रहना है और तीसरी के बाद चौथी रकआत में सलाम फेरा जायेगा और दुआ मांगी जायेगी, इसी के साथ आपकी 4 रकआत नमाज़ फ़र्ज़ मुकम्मल हुई_

4 रकआत फ़र्ज़ के बाद आपको 2 रकआत सुन्नत पढ़नी है, सुन्नत पढ़ने का तरीका हमने आपको ऊपर ही बता चुके हैं _



  1. अब आपको दो रकआत नफिल पढ़नी है, सबसे खड़े हो जाएँ और नियत करें, (नियत करता हूँ या नियत करती हूँ 2 रकआत नफिल वक़्त ईशा वास्ते अल्लाह ताअला के रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर) कहते हुए नियत बाँध लें.
  2. अब आपने सना दुआ पढ़नी है, फिर ताउज पढ़ें यानि के अऊज़ुबिल्लाही मिनाश सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह रहमान रहीम पढ़कर, सूरह फातिहा पढ़िए उसके बाद क़ुरआन शरीफ की कोई सी भी सूरह पढ़ लें फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ, रुकुह के बाद दोनों सज़दे मुकम्मल करें फिर दूसरी रकआत के लिए खड़े हो जाएँ।
  3. दूसरे रकआत में केवल आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा पढ़ ले फिर कोई भी एक सूरह पढ़ लीजिए और रुकुह और दोनों सज़दे करें उसके बाद तशहहुद में बैठ जाएं.
  4. तशहहुद में अत्तहियातु पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें फिर एक बार दरूदे इब्राहिम और दुआ ए मासुरा पढ़ लें फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह कहते हुए सलाम फेर लें पहले दाएं और फिर बाईं और
  5. इस तरह ईशा की 2 रकात नफिल मुकम्मल हुई

  1. अब आपको 3 रकआत वाज़िब वित्र पढ़नी है, सबसे खड़े हो जाएँ और नियत करें, (नियत करता हूँ या नियत करती हूँ 3 रकआत वाज़िब वित्र वक़्त ईशा वास्ते अल्लाह ताअला के रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर) कहते हुए नियत बाँध लें.
  2. अब आपने सना दुआ पढ़नी है, सना के बाद अऊज़ुबिल्लाही मिनाश सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़िए उसके बाद सूरह फातिहा और कोई एक सूरह पढ़ लेना जो भी आपको याद हो फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकुह में जाएं और रुकुह के बाद दोनों सज़दे करें उसके बाद दूसरी रकआत के लिए खड़े हो जाइये।
  3. इस बार सना नहीं पढ़नी है सीधे बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा को पढ़ें फिर क़ुरआन से कोई सूरत पढ़ लें जो याद हो।
  4. अब रुकुह और दोनों सजदे मुकम्मल करें और तशहहुद में बैठें और अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें
  5. फिर तीसरी रकआत के लिए खड़े हो जाएँ इसमें आपको सूरह फातिहा की तिलावत करें, एक और कोई सूरत पढ़नी है, ध्यान रहे अब रुकुह में नहीं जाना है बल्कि अल्लाहु अकबर कहते हुए कानों तक अपने दोनों हाथ ले जाएँ और बाँथ लें
  6. हाथ बाँथ ने के बाद आपने दुआ ए क़ुनूत पढ़नी है फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकुह में जायेंगे
  7. रुकुह करने के बाद दोनों सजदे मुकम्मल करेंगे और उसके बाद एक मर्तबा अतयियात पढ़नी है इसके एक बार दूरद इ इब्राहिम भी पढ़नी है फिर दुआ ए मासुरा आपको पढ़ लेनी है अब सलाम फेर ले और आपकी तीन रकआत नमाज़े वित्र पूरी हुई_

ये आखरी दो रकआत नफिल पढ़नी है और इसका मुकम्मल तरीका हिंदी में हम आपको पहले ही सीखा चुके हैं आप ऊपर की ओर देख सकते हैं।

दोस्तों हमे पूरी उम्मीद है की आपको हमारा ये पोस्ट Isha Ki Namaz Ka in Hindi पसंद आया होगा अगर अब भी आपके मन में कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमे इंस्टाग्राम पर मैसेज कर सकते हैं इंशाअल्लाह हम रिप्लाई ज़रूर करेंगे. मेरी अल्लाह ता’आला से दुआ है की अल्लाह हम सबको कुरआन और नमाज़ पढ़ने की तौफीक अता फरमाए_











मोहतरम हजरात यह जानकारी आपको कैसी लगी अगर अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करना बिल्कुल मत भूलना अगर नमाज के बारे में कोई भी जानकारी आपको पता चली है तो और कुछ सीख मिली है तो कमेंट में जरूर बताना लिखने और टाइपिंग में कोई भी गलती हो गई है तो उसे माफ कर देना हम फिर किसी ने वाका न्यू पोस्ट के साथ में मिलेंगे जब तक के लिए अल्लाह हाफिज

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